2. फसल की गुणवत्ता में सुधार: अलग-अलग उर्वरकों में अलग-अलग पोषक तत्व होते हैं, अलग-अलग उर्वरकों को मिलाने से फसलों के पोषक तत्वों का संतुलित अवशोषण हो सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
3. उर्वरक लागत कम करें: उर्वरक मिश्रण से उर्वरक की लागत कम हो सकती है और आर्थिक बोझ कम हो सकता है।
निषेचन का समय कम: मिश्रित उर्वरक विकास के विभिन्न चरणों में फसलों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकता है, इसलिए बार-बार निषेचन की कोई आवश्यकता नहीं है, जिससे किसानों की श्रम लागत कम हो जाती है।